मारवाड़ी भाषा व मायड़ प्रदेश से ही मरुधरा का भला होगा-चंद्रराज सिंघवी
पूर्व केबिनेट मंत्री चंद्रराज सिंघवी ने किया नए राज्य मरुप्रदेश की मांग को मुखर।
जयपुर- मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष जयवीर गोदारा, प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्जन सिंह भाटी व मरुसेना के अध्यक्ष जयन्त मूंड सिंगनोर ने राजस्थान सरकार के पूर्व केबिनेट मंत्री चन्द्रराज सिंघवी से मुलाकात करके मरुप्रदेश अभियान के बारे में अवगत करवाया और छोटे प्रदेश बनने से होने वाले फायदे गिनाए व मरुप्रदेश पुस्तिका भेंट की।
इस मांग का समर्थन करते हुए पूर्व केबिनेट मंत्री चंद्रराज सिंघवी ने कहा कि राजस्थान का क्रीम ही मरुप्रदेश है। पिलानी के बिड़ला,डीडवाना का बांगड़,बीकानेर का रामपुरिया,पटवा हवेली जैसलमेर और बहादुर लड़ाकों में दुर्गा दास राठौड़,गोकुल दास खिंची,बलदेव राम मिर्धा सहित सभी मरुप्रदेश की देन है। मरुप्रदेश के बिना राजस्थान का इतिहास शून्य है। जब छोटे छोटे राज्य बन सकते है तो भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान का अलग प्रदेश बनने में क्या अड़चन है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी की भावना ही छोटे प्रदेश बनाने की है। अब इस मरुप्रदेश अभियान को लेकर प्रदेश भर के पूर्व विधायकों व मेरे साथी मंत्रियों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। जो नेता इस मरुप्रदेश का समर्थन नही करेगा उसका हम खुलकर विरोध करेंगे। मरुप्रदेश के बाड़मेर,बीकानेर,जैसलमेर, नागौर जैसे बड़े भूभाग वाले जिलों से अरबों की कमाई राज्य सरकार कर रही है लेकिन यहां के वाशिन्दों व मारवाड़ियों को फायदा नही दे रही।
इस दौरान मरुसेना के अध्यक्ष जयन्त मूंड सिंगनोर ने कहा कि राज्य के राजनीतिक दल किसान कौम जाट व राजपूत को जातियों में लड़ाने की कोशिश कर रहे है। हम स्व.नाथूराम मिर्धा व स्व.कल्याण सिंह कालवी की तरह दोनों बड़ी जातियों को एकजुट करके मरुप्रदेश के आंदोलन को खड़ा करेंगे जिसका मकसद जातिवाद ना होकर एकमात्र सिर्फ विकासवाद होगा।