नागरिकों के अधिकार-कर्त्तव्य बताता है संविधान--प्रोफेसर डॉ. बिनानी.
बीकानेर। देश का संविधान हमारे लिए एक पवित्र ग्रंथ के समान है। यह हम सभी देशवासियों के मूल अधिकारों की व्याख्या करता है। ये विचार पूर्व प्राचार्य,चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने मल्टी स्किल डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने ने कहा कि नागरिकों के अधिकारों के साथ साथ भारतीय संविधान देश के आम नागरिकों के कर्तव्यों को भी बतलाता है। इस दृष्टि से हमारे देश का संविधान नागरिकों के अधिकार-कर्त्तव्य दोनों बताता है। प्रोफेसर डॉ. बिनानी ने बताया कि हमारा संविधान देश के आम नागरिकों के मान और सम्मान की रक्षा करने वाली चाबी के रुप में कार्य करता है। हमारे संविधान का उद्देश्य आमजन को जातिवाद, ऊंच-नीच, वर्णाश्रम, छुआछूत, जात- पात, लिंग भेद आदि से ऊपर उठाना है। प्रोफेसर डॉ.बिनानी ने कहा कि इस दृष्टि से भारतीय संविधान समस्त नागरिकों को समान रूप से जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। इसके साथ साथ यह देश के नागरिकों को देश भक्ति, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों का पालना करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण आदि की प्रेरणा देता है।