दूसरे चरण में भी तैयार होंगे 15 हजार किचन गार्डन। जिला कलेक्टर ने की सजग आंगनबाड़ी अभियान की समीक्षा।
बीकानेर। सजग आंगनबाड़ी अभियान के तहत जिले में 15 हजार किचन गार्डन और तैयार करवाए जाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इससे जुड़ी तैयारियां कर ली जाए।
जिला कलेक्ट्रेट भगवती प्रसाद कलाल ने बुधवार को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र एवं कुपोषण से संबंधित बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिले में नवाचार के रूप में चल रहे सजग आंगनबाड़ी अभियान je तहत पहले चरण में 27 जुलाई को 15 हजार किचन गार्डन स्थापित किए गए। अब अगले चरण में भी इतने ही किचन गार्डन और बनाए जाएंगे। इसके लिए स्थानों का चिन्हीकरण और इससे जुड़ी सभी तैयारियां कर ली जाएं। उन्होंने बताया कि किचन गार्डन में सहजन फली, ग्वारपाठा, पालक, मेथी, धनिया और अरबी जैसे पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या में किचन गार्डन विकसित नहीं करवाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के कार्य में शिथिलता पाए जाने पर संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
जिला कलेक्टर ने एक सप्ताह में जिले के समस्त वंचित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बिजली कनेक्शन करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए डिस्कॉम द्वारा नियमानुसार न्यूनतम डिमांड नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने निजी भवनों में चल रहे सभी 166 आंगनबाड़ी केंद्रों में रंग-रोगन करवाने के लिए निर्देशित किया और कहा इसमें स्थानीय भामाशाहों की मदद ली जाए।
*गर्भवती-धात्री महिलाओं और किशोरियों का बढ़ाएं पंजीकरण*
जिला कलक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। सभी पंजीकृत बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में आएं, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता नहीं हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर सर्वे करते हुए पंजीकरण बढ़ाया जाए। सभी पंजीकृत महिलाओं और बच्चों को केंद्रों की सभी सेवाएं मुहैया करवाई जाए। शाला पूर्व शिक्षा के लिए बच्चों को पढ़ने, लिखने और सीखने की गतिविधियों में शामिल करें। उन्होंने कहा कि महिला पर्यवेक्षकों द्वारा सजग आंगनबाड़ी अभियान की प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। टीकाकरण से एक भी बच्चा वंचित ना रहे, यह सुनिश्चित करने के धात्री महिलाओं को प्रेरित किया जाए। साथ ही डाक्यूमेंटेशन की कार्यवाही में भी तेजी लाई जाए। जिला कलक्टर ने आयरन सिरप पिलाने की नियमितता की जांच करने और अधिक से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में खिलौना बैंक स्थापित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आशानुरूप परिणाम नहीं आए तो सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षक के विरुद्ध कार्यवाही होगी।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी सहित सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षक उपस्थित रहीं।