*खुद अपने आप में पूरा जहान है उर्दू* यौम-ए-उर्दू पर शाइरी की ख़ुश्बू से मुअत्तर हुई फ़ज़ा।



बीकानेर।पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के तत्वावधान में गुरुवार को हिंदी विश्व भारती, नागरी भंडार में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन रखा गया जिसमें शाइरों उर्दू दिवस व अन्य विषयों पर कलाम सुना कर दाद लूटी।
अध्यक्षता करते हुए नन्दकिशोर सोलंकी ने कहा कि उर्दू एक मीठी भाषा है। जिसमें कहा गया कलाम बेहतरीन होता है। बीकानेर के लोग मिलजुल कर सभी भाषाओं का जश्न बनाते हैं।
 

 वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब ने उर्दू दिवस पर नज़्म सुना कर वाह वाही लूटी-*फ़ख्र उर्दू पे क्यों न हो हमको-फ़ख्रे-हिन्दोस्तान है उर्दू*। 
आयोजक असद अली असद ने उर्दू पर ग़ज़ल पेश की *अदब में सीखना चाहूं तो ऐ उर्दू ज़माने में-तेरा पता बताता है कभी कोई कभी कोई*
 
डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने झूट सच का फर्क बयान किया-*नाम सच्चा फ़क़त खुदा का है-और दुनिया की मोह माया झूट*
 बुनियाद हुसैन ज़हीन ने उर्दू दिवस पर रचना सुनाई-*आदमी का वक़ार है उर्दू-रोशनी है,खुमार है उर्दू*
इम्दादुल्लाह बासित ने उर्दू के महत्व को यूं बयान किया-*न इसको बांटो मज़ाहिब में और इलाक़ों में-खुद अपने आप में पूरा जहान है उर्दू*
सागर सिद्दीकी ने उर्दू पर खूबसूरत नज़्म तरन्नुम में पेश कर समां बांधा-*उर्दू है मेरा नाम मुझे थाम लीजिये-हूँ अम्न का पयाम मुझे थाम लीजिये*
क़ासिम बीकानेरी ने अल्लामा इक़बाल की ज़मीन में शेर सुनाए-*तूने नज़र मिला के नज़र फेर ली है क्यों-चश्मे हयात हो गई है अश्कबार देख*
संचालन असद अली असद ने किया।डॉ मुहम्मद फारूक चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

2022-11-11 18:04:55