ख़तरनाक है दीपावली पर जुआ खेलना।
दीपावली पर देश के कई भागों में जुआ खेलने की परम्परा रही है। दीपावली और उससे पहले के दो तीन दिन बहुत से लोग जुआ खेलते हैं। कई लोगों ने इसको धार्मिक मान्यताओं से जोड़ दिया है उनका मानना हैं की इन दिनों जुआ खेलने से समृद्धि आती है। समृद्धि आये या नही आये यह परिवार में क्लेश और विनाश का कारण जरूर बन जाती है।
दीपावली के अवसर पर परिवार के सदस्य यह उम्मीद करते हैं कि उनको नए कपडे मिलेंगे,घर की रंगाई पुताई होगी,नए बर्तन और घर के लिए उपयोगी नया साजो सामान मिलेगा। उत्साह और उमंग के साथ के साथ दीपावली का त्योंहार मनाएंगे, लेकिन होता क्या है जुए की लत का शिकार मध्यम और निम्न वर्ग का व्यक्ति खुद को मिली मजदूरी और वेतन को जुए में बर्बाद कर देता है। जुआ खेलते समय उसको यही लोभ रहता है कि वह ज्यादा पैसा बना कर घर परिवार की ख़ुशी को दुगुना कर देगा, लेकिन अधिकाँश मामलों में यह नही होता। जो कुछ उसने मेहनत से कमाया या पेट काट कर जो बचाया वह सब कुछ जुए में लुट जाता है।
जुआ खेलते हुए यदि वह कुछ राशि जीत भी जाता है तो उसको और अधिक पाने का लोभ लग जाता है,इसी लोभ में वह दाव पर दाव लगाता जाता है जो उसकी सारी जेब खाली कर लेता है। परिणाम यह होता है की उसके पास घर में मिठाई,कपडे और दीपावली के लिए जरुरी सामान लाने के लिए पैसे ही नही बचते। उसको मजबूरन दूसरे लोगों से ऋण लेना पड़ता है। शहर मै एसे बहुत से लोग हैं जो जुआ खेलने वालों को जेवर आदि गिरवी रख कर या बिना गिरवी के पांच रूपये सेकड़ा और यहाँ तक कि दस रूपये सेकड़ा कि ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ता है। यह ऋण कभी नही चुकता है ब्याज में ही उसकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा ऋण के ब्याज को चुकाने में ही ख़त्म हो जाता है। परिणामस्वरूप जहाँ एक तरफ दीपावली जैसे दिन पर उसके पास अपनी सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भी धन नही बचता। यह स्थिति उसमे निराशा, कुंठा और घर में क्लेश की पैदा करती है। उसकी शुभ दीपावली को काली दीपावली में बदल जाती है।
भलाई इसी में है कि यदि कोई व्यक्ति परम्परा के नाम पर इस बुराई का शिकार हो चुका है तो वह इस लत को तुरंत छोड दे और यदि कोई उसका मित्र रिश्तेदार या शुभचिन्तक इस लत का शिकार हो चुका है तो उसको भी बचाने प्रयास करे। दीपावली या किसी भी दिन जुआ खेलना न केवल अनुचित है वरन गैर कानूनी भी है। जुआ खेलते समय पुलिस द्वारा उसको पकड़ा भी जा सकता है, इसलिए इस बुराई से बचना बहुत जरुरी हैं इसलिए जो लोग इस बुरी लत के शिकार हो चुके हैं वे बिना देर किये इसको छोड़कर इस दीपावली से यह शुरुआत करें फिर देखें कितनी शुभ और परिवार के लिए शांति, समृधिदायक और मंगलदायक होगी आपकी यह दीपवली।