बीकानेर। जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित जाम्भाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा रविवार, 16 अक्टूबर को देशभर में स्थापित 585 केंद्रों पर सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस परीक्षा के लिए पचास हजार परीक्षार्थियों ने पंजीकरण किया था। यह जानकारी देते हुए अकादमी के राष्ट्रीय प्रेस संयोजक पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया कि राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर,पाली, भीलवाड़ा, जैसलमेर के अलावा हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार भिवानी, रेवाड़ी, गुरूग्राम, कुरुक्षेत्र, पंचकूला सहित ये परीक्षा पंजाब के अबोहर, उत्तरप्रदेश में मुरादाबाद, औरैया, काशीपुर, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मध्यप्रदेश में देवास, हरदा, इंदौर, नरसिंहपुर, जबलपुर, गुजरात में वापी,सूरत, अहमदाबाद, वलसाड, महाराष्ट्र में मुम्बई, ठाणे, तेलंगाना के हैदराबाद आदि जिलों और केंद्रीय राजधानी दिल्ली में बनाए परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई। प्रातः दस बजे शुरू हुई इस परीक्षा के दौरान प्रत्येक केंद्र पर भारी उत्साह देखा गया।
बैनीवाल ने बताया कि जोधपुर जिले में सबसे ज्यादा पंद्रह हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया। इसके बाद बाड़मेर, जालौर, बीकानेर, श्रीगंगानगर जिलों की पंजीकरण संख्या भी पांच-पांच हजार से अधिक रही।
उन्होंने बताया कि परीक्षा को सुचारू रूप से संपादित करने के लिए अकादमी के अध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद आचार्य के नेतृत्व में विनोद जम्भदास को परीक्षा संयोजक और एक केंद्रीय परीक्षा समिति का गठन किया गया था। साथ ही प्रांत, जिला, तहसील और केंद्र प्रभारी बनाए गए, जिन्होंने गुरु जाम्भोजी और जाम्भाणी संतों की वाणी पर आधारित इस परीक्षा के लिए एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में निस्वार्थ भाव से इस कार्य में अपना योगदान दिया।