***सब खैरियत है***
***सब खैरियत है***
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*महारानी बांध गई बगावत की घंटी*
बीते दिनों बीकानेर में अपना करंट दिखाने आई भाजपाई महारानी यहां पार्टी में अपनी लॉबी वाले नेताओं के गले में बगावत की घंटी बांध गई। पता चला है कि पार्टी हाईकमान की गाइड लाईन के बगैर यहां जनसभा करने पहुंची महारानी के दो दिवसीय दौरे की फुलप्रुफ रिपोर्ट अब दिल्ली पहुंच गई है । रिपोर्ट मेंं इस बात का खास तौर से जिक्र किया गया है कि जनसभा में ना तो भाजपा के नारे गूंजे और ना ही पीएम मोदी के। रिपोर्ट में उन तमाम नेताओं के नाम दर्ज है जिन्होने जनसभा के मंच पर अपनी हाजरी लगाई थी। इन नेताओं में प्रमुखता से शामिल रहे देवा सा का कुछ बिगडऩा नहीं,क्योंकि वो तो पहले से पार्टी लाईन के बाहर है। चिंता तो उन नेताओं की बढ़ गई जिन्होने पार्टी लाईन से हटकर जनसभा के मंच पर हाजरी लगवाई थी। ऐसे में महारानी के सफल दौरे के बाद भी उनकी लॉबी कोई भी नेता खुलकर नहीं बोल रहा है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*प्यादो ने पिटवा दिया वजीर*
राजस्थान की सत्ता में चल रहे शह मात के सियासी खेल में भरोसेमंद प्यादो ने अपना ही वजीर पिटवा दिया । अब इस मामले को सत्ता के जादूगरजी की माफी से जोडक़र देखा जा रहा है। हालांकि बीते सवा चार साल से चल रहे इस खेल की बाजी पूरी तरह जादूगरजी के हाथ में थी,लेकिन सबसे भरोसेमंद आवासन मंत्री के आवास पर उनकी लॉबी के प्यादों की एक गलती से पूरी बाजी ही उलट गयी और अब तो सत्ता भी उनके हाथ से फिसलती दिख रही है । ऐसे में खेल की नजाकत को भांप कर जादूगरजी वाली लॉबी के कई मौकापरस्त अपना पाला बदलने की तैयारी में जुट गये है। इधर जादूगरजी की विरोधी लॉबी अपनी हारी बाजी जीतेने के रिजेल्ट की खुशियां मानने का बेसब्री से इंतजार कर रही है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*बीकानेर के सिस्टम में मची हलचल*
प्रदेश की सत्ता में होने वाले बदलाव की हलचल अब सिस्टम के अफसरों में भी दिखने लगी । इस हलचल की लहरें बीकानेर में भी उठती दिखाई दे रही है। क्योंकि बीकानेर के सिस्टम की कई मलाईदार पोस्टों पर ऐसे अफसर जमें बैठे है जिन पर पुख्ता तौर पर सत्ता के जादूगरजी की मोहर लगी हुई है,ऐसे मे अगर सत्ता की कमान जादूगरजी के हाथ से निकल गई तो इन अफसरों का ठंडे में लगना तय है । मीडिया वालों ने जब सिस्टम के अफसरों की कुण्डली खंगाली तो बीकानेर में डिविजन हैड क्वार्टर से लेकर तमाम मलाईदार पोस्टों पर करीब दर्जनभर ऐसे अफसरों की हिटलिस्ट तैयार हो गई जिन पर सीधे तौर पर जादूगरजी की मोहर लगी है । माना जा रहा है कि सत्ता के घमासान में अगर जादूगरजी निपटे तो इन अफसरों की भी बीकानेर से विदाई तय है मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*मंत्री के चहेते अफसर की भर गई झोली*
बीकानेर में आरएएस अफसरों की बड़ी फौज तैनात होने के बावजूद अनुभवी मंत्री के चहेते एक आरएएस अफसर को तीन पदों का जिम्मा सौंप रखा है। महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार इस अफसर के पास यूआईटी सचिव का जिम्मा पहले से है,अभी हाल ही में हुए आरएएस अफसरों के तबादलों मेें इन्हे जमीनों की रजिस्ट्रियों वाली मलाईदार पोस्ट का जिम्मा भी सौंप दिया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि बीकानेर में कई अनुभवी अफसर अपनी परफोर्मेस दिखाने के लिये तैयार है। लेकिन उन्हे ठंडी पोस्टों पर बैठा रखा और एक नॉन परफोर्मेंस अफसर की झोली में एक साथ तीन पद डाल दिये गये है। बीकानेर के अनुभवी मंत्री के चहेते इस अफसर के पास एक साथ तीन पदों की जिम्मेदारी से सरकारी सिस्टम भी सवालों के घेरे में आ गया है । मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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