ईदे-ए-मीलाद-उन-नबी के अवसर पर नातिया नशिस्त का आयोजन.




बीकानेर। ईदे मीलाद-उन-नबी के अवसर पर रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब की 549 वीं के तहत नातिया नशिस्त का आयोजन रखा गया जिसमें बीकानेर के शाइरों ने पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की प्रशस्ति में कलाम पेश किए। वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब ने नात शरीफ पेश कर वाह वाही लूटी- किसी नबी का नहीं था जवाब नामुम्किन, हुआ जनाबे-रिसालत मआब नामुम्किन. आयोजक संस्था के डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने दार्शनिक शेर सुनाया- हूँ उनके गुलामों में नहीं डरता क़ज़ा से, रस्ता जो बक़ा का है, निकलता है फ़ना से. उर्दू अकादमी सदस्य असद अली असद ने अपने विचार यूँ प्रकट किए जन्नत में क्यूँ न जाएगा हर उम्मती हुज़ूर, हर उम्मती के दिल में मुहब्बत है आपकी. इमदाद उल्लाह बासित ने अपनी अकीदत यूं बयान की- ख़ुदा के ज़िक्र से दिल को करार मिलता है, नबी के ज़िक्र से परवर दिगार मिलता है. शाइर शकील ग़ौरी ने हज़रत उमर के ईमान लाने का वाकया बयान किया।रहमान बादशाह तन्हा ने नबीजी के इश्क़ में डूबे शेर तरन्नुम से पेश किये- दो चार की मैं बात करूं तो फ़ुज़ूल है, हर उम्मती के दिल में मुहब्बत है आपकी. सैय्यद वली मुहम्मद, मुहम्मद हनीफ ग़ौरी आदि ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। संचालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया।

2022-10-09 12:33:19