एनआरसीसी द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित।
बीकानेर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एन.आर.सी.सी.) एवं रक्त केन्द्र पी.बी.एम. अस्पताल द्वारा संयुक्त रूप से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। एनआरसीसी परिसर में आयोजित इस शिविर में एन.आर.सी.सी. स्टाफ आदि सहित कुल 22 व्यक्तियों ने रक्तदान किया तथा रक्त केन्द्र एवं संस्थान स्टाफ द्वारा सक्रिय सहयोग देकर इसे सफल बनाया गया। इस दौरान एक परिचर्चा भी आयोजित की गई।
परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एन.एल.महावार, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (ट्रांसफ्युजन मेडिसिन), एस.पी.मेडिकल कॉलेज ने एन.आर.सी.सी. संस्थान को रक्तदान शिविर हेतु बधाई देते हुए कहा कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मोलिक्युलर एवं सेल्युलर स्तर की ब्लड ट्रांसफ्युजन थैरेपी शुरू हो चुकी है तथा लगभग 20 हजार युनिट रक्त प्रतिवर्ष डोनेट होता है, इसे जरूरतमंद रोगियों हेतु विभिन्न स्तरों जैसे-संपूर्ण रक्त, प्लाज्मा, प्लेटलेटस इत्यादि रूपों में उपयोग किया जाता है।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि रक्तदान कभी भी आपको क्षति नहीं पहुंचाता। यह मानव समाज के कल्याण के साथ-साथ आपकी सेहत से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू भी है।
डॉ. आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक, एनआरसीसी ने इसे एक स्वैच्छा से जुड़ी पवित्र पहल बताया वहीं पी.बी.एम.हॉस्पिटल ब्लड बैंक के डॉ. विकास ने ऐसे शिविरों की महत्ती आवश्यकता जताई। इस अवसर पर डॉ. सोनम, ब्लड बैंक, पी.बी.एम. द्वारा प्रजेंटेशन के रूप में रक्तदान के बारे में सामान्य जानकारियाँ दी गई। इस दौरान अतिथियों द्वारा सभी रक्तदाताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी, वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।
परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एन.एल.महावार, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (ट्रांसफ्युजन मेडिसिन), एस.पी.मेडिकल कॉलेज ने एन.आर.सी.सी. संस्थान को रक्तदान शिविर हेतु बधाई देते हुए कहा कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मोलिक्युलर एवं सेल्युलर स्तर की ब्लड ट्रांसफ्युजन थैरेपी शुरू हो चुकी है तथा लगभग 20 हजार युनिट रक्त प्रतिवर्ष डोनेट होता है, इसे जरूरतमंद रोगियों हेतु विभिन्न स्तरों जैसे-संपूर्ण रक्त, प्लाज्मा, प्लेटलेटस इत्यादि रूपों में उपयोग किया जाता है।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि रक्तदान कभी भी आपको क्षति नहीं पहुंचाता। यह मानव समाज के कल्याण के साथ-साथ आपकी सेहत से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू भी है।
डॉ. आर.के.सावल, प्रधान वैज्ञानिक, एनआरसीसी ने इसे एक स्वैच्छा से जुड़ी पवित्र पहल बताया वहीं पी.बी.एम.हॉस्पिटल ब्लड बैंक के डॉ. विकास ने ऐसे शिविरों की महत्ती आवश्यकता जताई। इस अवसर पर डॉ. सोनम, ब्लड बैंक, पी.बी.एम. द्वारा प्रजेंटेशन के रूप में रक्तदान के बारे में सामान्य जानकारियाँ दी गई। इस दौरान अतिथियों द्वारा सभी रक्तदाताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी, वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।