सरिता सिंह के काव्य संग्रह मिट्टी बची रहे का विमोचन।



 
 

बीकानेर। पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के सयुंक्त तत्वावधान में रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में  झारखण्ड की युवा कवयित्री सरिता सिंह के काव्य संग्रह मिट्टी बची रहे का विमोचन किया गया।

डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने बताया कि महाप्राण प्रकाशन,बीकानेर द्वारा प्रकाशित इस काव्यकृति के विमोचन समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व महापौर हाजी मक़सूद अहमद ने कहा कि सरिता सिंह की कविताओं में भी राष्ट्रप्रेम,साम्प्रदायिक सौहार्द और मिट्टी से मुहब्बत देखी जा सकती है। वे अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रेम और आपसी भाईचारे का संदेश देती हैं।


मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि सरिता सिंह एक निडर और बेबाक कवयित्री हैं। वह जो देखती है वो ही लिखती हैं, इसीलिये उनकी रचनाओं में असर है। वह आमजन की कवयित्री हैं।


विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब ने कहा कि सरिता सिंह सामाजिक विद्रूपताओं का विरोध करने वाली सशक्त रचनाकार हैं।उनके यही स्वर उन्हें अलग पहचान दिलाएंगे।


वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद कुमार शर्मा ने विमोचित कृति पर विचार व्यक्त करते हुए उसे उत्कृष्ट बताया। महाप्राण प्रकाशन के सुनील कुमार सोनू लोहमरोड ने विमोचित कृति में से चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया। पूनमचन्द गोदारा ने कवयित्री का परिचय प्रस्तुत किया।

 

इस अवसर पर प्रो टी के जैन, मधुरिमा सिंह, डॉ जगदीशदान बारहठ, धर्मेंद्र राठौड़, शकील स्टार ,गोविंद शर्मा तन्हा, योगेश राजस्थानी, आनन्द मस्ताना, जुगलकिशोर पुरिहित, देवेंद्र कुमार आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। संचालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया। असद अली असद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


2023-06-11 19:54:22