पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50वां सफल ऑपरेशन।
पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50वां सफल ऑपरेशन।
प्रसिद्द अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. एल. खजोटिया ने किया घुटना प्रत्यारोपण।
ऑपरेशन के अगले दिन रोगी चलने फिरने लगा।
बीकानेर। पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50 वां सफल ऑपरेशन किया गया है जिसमे ऑपरेशन के अगले दिन रोगी चलने फिरने लगा है। यह ऑपरेशन राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पूर्णतया निशुल्क किया गया है। ट्रॉमा सेंटर प्रभारी एवं अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉ बी एल खजोटिया ने बताया कि 53 वर्षीय महिला रोगी गत 5 वर्षो से घुटने के दर्द से पीड़ित थी। कई केंद्रों में इलाज के बावजूद कोई फायदा नही मिला। घुटने के दर्द से परेशान रोगी ने पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में डॉ बी एल खजोटिया को दिखाया, जहां आवश्यक जांच के बाद घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी गई । डॉ खजोटिया ने बताया कि सामान्यत: घुटना प्रत्यारोपण ऑपरेशन में टोरनी कवेट पद्धति से रबड़ या हवा के प्रेशर से खून की नाडियो को ब्लॉक किया जाता है जिसमे गंदा खून निकालने की नलकी लगाई जाती है जिसमे नाडियों में खून जमने का खतरा रहता है।
डॉ खजोटिया ने बताया कि इस बार नई तकनीक से रोगी का ऑपरेशन किया गया जिसमे खून का दौरा बंद किए बिना घुटना प्रत्यारोपण किया गया। जिसमे गंदा खून निकालने और नाड़ी ब्लॉकेज का खतरा नहीं रहा । उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन से रोगी को तेजी से स्वास्थ्य लाभ मिला और वह अगले दिन चलने लगा। डॉ खजोटिया ने बताया कि नियमित फिजियोथेरेपी के बाद रोगी का घुटना 120 डिग्री तक काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि घुटना प्रत्यारोपण के लिए संभाग स्तरीय पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में सुविधाएं नियमानुसार सभी के लिए उपलब्ध है। इस सफल ऑपरेशन में अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉ बी एल खजोटिया के साथ डॉ संजय तंवर, रेजिडेंट डॉ श्याम, एनेस्थिशिया के डॉ नेहा, डॉ पीरू सिंह, नर्सिंग ऑफिसर मगाराम ने सेवाएं दी।
पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50वां सफल ऑपरेशन।
प्रसिद्द अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. एल. खजोटिया ने किया घुटना प्रत्यारोपण।
ऑपरेशन के अगले दिन रोगी चलने फिरने लगा।
बीकानेर। पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में नई तकनीक से संपूर्ण घुटना प्रत्यारोपण का 50 वां सफल ऑपरेशन किया गया है जिसमे ऑपरेशन के अगले दिन रोगी चलने फिरने लगा है। यह ऑपरेशन राज्य सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पूर्णतया निशुल्क किया गया है। ट्रॉमा सेंटर प्रभारी एवं अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉ बी एल खजोटिया ने बताया कि 53 वर्षीय महिला रोगी गत 5 वर्षो से घुटने के दर्द से पीड़ित थी। कई केंद्रों में इलाज के बावजूद कोई फायदा नही मिला। घुटने के दर्द से परेशान रोगी ने पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में डॉ बी एल खजोटिया को दिखाया, जहां आवश्यक जांच के बाद घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी गई । डॉ खजोटिया ने बताया कि सामान्यत: घुटना प्रत्यारोपण ऑपरेशन में टोरनी कवेट पद्धति से रबड़ या हवा के प्रेशर से खून की नाडियो को ब्लॉक किया जाता है जिसमे गंदा खून निकालने की नलकी लगाई जाती है जिसमे नाडियों में खून जमने का खतरा रहता है।
डॉ खजोटिया ने बताया कि इस बार नई तकनीक से रोगी का ऑपरेशन किया गया जिसमे खून का दौरा बंद किए बिना घुटना प्रत्यारोपण किया गया। जिसमे गंदा खून निकालने और नाड़ी ब्लॉकेज का खतरा नहीं रहा । उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन से रोगी को तेजी से स्वास्थ्य लाभ मिला और वह अगले दिन चलने लगा। डॉ खजोटिया ने बताया कि नियमित फिजियोथेरेपी के बाद रोगी का घुटना 120 डिग्री तक काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि घुटना प्रत्यारोपण के लिए संभाग स्तरीय पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में सुविधाएं नियमानुसार सभी के लिए उपलब्ध है। इस सफल ऑपरेशन में अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉ बी एल खजोटिया के साथ डॉ संजय तंवर, रेजिडेंट डॉ श्याम, एनेस्थिशिया के डॉ नेहा, डॉ पीरू सिंह, नर्सिंग ऑफिसर मगाराम ने सेवाएं दी।