गांधी नाम ही नही एक विचारधारा है-डाॅ. विजयश्री
बीकानेर-आज गांधी अध्ययन केन्द्र, राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय, बीकानेर के द्वारा महात्मा गांधी की प्रासंगिकता विषय पर जिला स्तरीय अन्तर महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बीकानेर जिले के 08 महाविद्यालयों के (एमएस काॅलेज, राजकीय महाविद्यालय लूनकरणसर, बोथरा महाविद्यालय, जैन कन्या महाविद्यालय, सिस्टर निवेदिता महाविद्यालय, रामपुरिया जैन महाविद्यालय, भारती निकेतन महाविद्यालय, श्रीडूंगरगढ ) कुल 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ मुख्य अतिथि डाॅ संजय आचार्य, कार्यक्रम के निर्णायक प्रो. दीपाली धवन, डीन पीजी स्टडीज एसकेआरयू, मुकेश व्यास, सेवा निवृत सहायक निदेशक, निदेशालय स्कूल शिक्षा, संपत जैन, सेवा निवृत स्कूल व्याख्याता एवं महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ विजयश्री ने मां सरस्वती के आगे दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
प्राचार्य डाॅ विजयश्री ने अपने उद्बोधन में गांधी जी के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी नाम ही नहीं एक विचारधारा है, उन्होंने असत्य को सत्य से, हिंसा को अहिंसा से तथा गुलामी को स्वराज से जीतने का मूल मंत्र समाज के सामने रखा। डाॅ गुप्ता ने यह भी बताया की आत्मनिर्भर भारत की नींव गाधीजी ने ही रखी। वे लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करने का आग्रह करते थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, अहिंसा और शांति निदेशालय, बीकानेर के संयोजक डाॅ संजय आचार्य ने अपने उद्बोधन मे बताया कि गांधीजी का अहिंसा एवं सत्याग्रहनुमा हथियार स्वतंत्रता संग्राम लडाई का मुख्य हथियार था। उन्होनें अहिंसा से ही दुनिया के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य जिसका कभी सूर्य अस्त नही हो सकता था। उनको भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
गांधी अघ्ययन केन्द्र की समन्वयक डाॅ नूरजहां ने गांधी अघ्ययन केन्द्र का परिचय प्रस्तुत करते हुए जिला स्तरीय अंतर महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डाॅ राधा सोलंकी ने किया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भारती निकेतन की हर्षिता ने, द्वितीय स्थान भारती निकेतन की कुसुम राठौड तथा तृतीय स्थान भारती निकेतन की गौरी प्रजापत और एमएस काॅलेज की रिया शर्मा ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया।
कार्यक्रम के अंत में डाॅ इंदिरा गोस्वामी ने सभी आगन्तुक अतिथियों,प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
2022-10-07 10:10:16