एनआरसीसी ने लगाया जन जातीय उप-योजना तहत ओर गांव में पशु शिविर।
बीकानेर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र द्वारा आबू रोड़ (सिरोही) के ओर गांव में जन जातीय उपयोजना तहत पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कैम्प में 171 पशुपालकों द्वारा लाए गए 210 ऊँटों सहित गाय 148 भैंस 189, बकरी 70 पशुओं को उपचार, दवाइयां व उचित सलाह देकर लाभान्वित किया गया। केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर के सावल ने कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में कहा कि देश की आबादी, उपलब्ध संसाधनों एवं पोषण जरूरतों की दृष्टि से खेती, पशुपालन इत्यादि संसाधनों में समन्वय साधते हुए इन्हें आवश्यकता अनुरूप तैयार करना होगा। इसके लिए पशुपालकों/किसानों में जागरूकता के साथ-2 उन्हें वैज्ञानिक ज्ञान की ओर भी रूख करना चाहिए ताकि वे देश की मुख्यधारा से जुड़ सके।
इस अवसर पर केन्द्र के डॉ.शान्तनु रक्षित, वैज्ञानिक द्वारा केन्द्र की प्रसार से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी गई। उन्होंने पशुधन से श्रेष्ठ उत्पादन लेने हेतु उसके रखरखाव, आहार व्यवस्था, पोषण, जनन आदि के साथ उसके स्वास्थ्य पहलू के संबंध में विशेष ध्यान देने की बात कही। केन्द्र के डॉ. काशी नाथ, पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शिविर में लाए गए ऊँटों में तिबरसा (सर्रा) रोग के बचाव हेतु टीकाकरण किया गया । साथ ही पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलाई गई और बाह्य परजीवियों के बचाव हेतु दवा वितरित की गई। इस दौरान कुछ पशुओं के खून व मिंगनी के नमूने जाँच हेतु लिए गए। पशु पालकों को केन्द्र में निर्मित करभ पशु आहार व खनिज मिश्रण भी वितरित किए गए।
केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने एनआरसीसी द्वारा गांव ओर में आयोजित इस महत्वपूर्ण गतिविधि की समय-समय पर जानकारी लेते हुए फील्ड स्तर पर आयोजित कार्यक्रम की सार्थकता हेतु पूरी टीम की सराहना की तथा कहा कि हमें पशुपालकों तक वैज्ञानिक जानकारी एवं उनसे जुड़ी प्रौद्योगिकियों को पहुंचाने हेतु महत्ती प्रयास करने होंगे ताकि पशुपालकों को इनका भरपूर लाभ मिले व उनकी आमदनी में बढ़ोतरी की जा सके। इस कैम्प में पशुपालन विभाग आबूरोड के डॉ.सावरिया, पशु चिकित्सा अधिकारी आदि ने भी सक्रिय सहयोग प्रदान किया । वहीं सेवाराम, सदस्य, पशुधन विकास कमेटी, सिरोही ने इस अवसर पर एनआरसीसी के प्रति इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया तथा पशुधन को लेकर अपनी बात रखीं। केंद्र के मनजीत सिंह, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने शिविर में पंजीयन, दाना-आहार वितरण आदि कार्यों में सहयोग दिया।