पाले से फसलों का बचाव करें किसान-संयुक्त निदेशक
बीकानेर। मौसम विभाग द्वारा आगामी तीन-चार दिन तक तापमान में गिरावट होने की भविष्यवाणी के मद्देनजर फसलों में पाले से नुकसान की आशंका है। पाले से सरसों, मटर, चना व सब्जियों की फसलों में नुकसान होने की संभावना है। सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यंत कम होने लग जाए एवं दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधे की पत्तियां, कोंपले, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
इसके मद्देनजर कृषि विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि फसलों को पाले से बचाने के लिए किसान गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत अर्थात 1000 लीटर पानी में 1 लीटर सांद्र गंधक का तेजाब मिलाकर घोल तैयार करके एवं फसलों पर छिड़काव करें। या घुलनशील गंधक के 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव भी कर सकते हैं। खेत की उत्तर पश्चिम दिशा में जिधर से शीत लहर आती है फसलों के अवशेष, कूड़ा करकट, घास फूस जला कर धुआं करें। पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है। यह उपाय अपनाकर किसान भाई अपनी फसलों को पाले के नुकसान से बचा सकते हैं।