मानसून अच्छा होने से आस जागी: रबी की फसल 10.34% ज्यादा बोई। मावठ नहीं होने से खराबा पर मावठ नहीं होने से असिंचित इलाकों में स्थिति कमजोर।
प्रदेश में इस साल चौमासे में अच्छी बारिश होने से रबी फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 10.34% ज्यादा हुई है। लेकिन मावठ नहीं होने व सर्दी देर से पड़ने के कारण उत्पादन 10% तक घटने की स्थिति बन गई है। यानी ज्यादा जमीन में बुवाई के बावजूद किसानों को फायदा नहीं मिलेगा। बेहतर उत्पादन के लिए अच्छी सर्दी व 3-4 मावठ जरूरी है। पिछले साल दिसंबर व जनवरी में अधिकांश इलाकों में 3 से 4 बार मावठ हुई थी। ऐसे में फसलों की बंपर पैदावार हुई थी।
लेकिन इस बार अब तक एक मावठ भी नहीं हुई है। इस साल 11075.52 हजार हेक्टेयर जमीन में गेहूं, जौ, सरसों, चना, तारामीरा की बुवाई हुई है जबकि इससे पहले 31 दिसंबर 2021 तक 10037.62 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही बुवाई हुई थी। इस साल बुवाई का 96.05% लक्ष्य हासिल किया गया है। कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल दिसंबर में सर्दी कम पड़ी है। मावठ भी नहीं हुई है। ऐसे में असिंचित इलाकों में स्थिति कमजोर है। फसलों में रोग लगने की भी आशंका है।
फसल के लिए सर्दी के साथ मावठ जरूरी.....
गेहूं-जौ के लिए तेज सर्दी अच्छी रहती है। सब्जियों में पाले से नुकसान होता है लेकिन रबी फसलों के लिए मावठ जरूरी है। मावठ नहीं होगी तो असिंचित क्षेत्रों में 25% तक उत्पादन कम होगा। ऐसे में उत्पादन औसतन 10% घटने की संभावना रहती है-डाॅ. एएस बलोदा, डायरेक्टर, राजस्थान एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (दुर्गापुरा)
मावठ की उम्मीद में जौ, सरसों और अलसी की बुवाई लक्ष्य से 100% तक अधिक की थी। सितंबर तक बारिश होने के कारण जौ, सरसों व अलसी की बुवाई अनुमान से ज्यादा हुई। कृषि विभाग ने इस साल केवल 310 हजार हेक्टेयर जमीन पर जौ की बुवाई का अनुमान लगाया था लेकिन रिकॉर्ड 132.11% ज्यादा यानी 409 हजार हेक्टेयर जमीन पर बुवाई हुई है। सरसों की लक्ष्य से 100.57% ज्यादा 3852 हजार हेक्टेयर और अलसी की 101.06% ज्यादा यानी 11012 हेक्टेयर भूमि पर बुवाई हुई है। अब सिंचाई के लिए मावठ की जरूरत है।
2967.10 हेक्टेयर में गेहूं बुवाई
फसल बुवाई (हे.) लक्ष्य %
गेहूं 2967.10 93.31
जौ 409.54 132.11
चना 2140.92 97.31
रबी दालें 32.02 64.03
सरसों 3852 100.57
तारामीरा 120.17 40.06
पिछली बार जौ 91 लाख टन हुआ
फसल उत्पादन टन में
गेहूं 122 लाख
जौ 91 लाख
चना 19 लाख
सरसों 44.82 लाख.