आढ़त व्यापारियों और मेडिकल स्टोर्स के लिए भी खाद्य लाइसेंस जरूरी। बिना लाइसेंस 5 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान।
बीकानेर। सभी प्रकार के खाद्य कारोबारियों यानिकि खाद्य के निर्माण, प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन व विक्रय से जुड़े खाद्य व्यवसायियों को खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जारी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन अति आवश्यक है। बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के खाद्य व्यापार करना FSSAI 2006 व नियम 2011 के अन्तर्गत धारा 58/63 मे जुर्म है जिसके लिए ₹5 लाख तक का जुर्माना व 6 माह तक की सजा का प्रावधान है। इस संबंध में नोडल विभाग के तौर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने सभी कारोबारियों को पुनः नवीनतम निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि होटल मालिकों, थोक विक्रेता, रेस्टोरेंट, ढाबा, मिठाई की दुकान, मास-मछली विक्रेता, शराब विक्रेता यहां तक कि कच्ची आढत, पक्की आढत, पान विक्रेता व केटरिंग का कारोबार करने वाले, राजकीय व निजी अस्पतालों मे चलने वाले केन्टीन तथा फूड सप्लीमेन्ट बेचने वाले मेडिकल स्टोर आदि जिसका वार्षिक कारोबार 12 लाख रूपये से अधिक है उनके द्वारा FSSAI का खाद्य अनुज्ञाप्ति कराना (लाइसेंस प्राप्त करना) अनिवार्य है तथा वैसे खाद्य कारोबारी जिनका वार्षिक कारोबार 12 लाख रूपये से कम है मुख्यतः ठेला, खोमचा तथा छोटे खाद्य करोबारियों द्वारा FSSAI का खाद्य रजिस्ट्रेशन प्राप्त करना अनिवार्य है। खाद्य सुरक्षा से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत राजस्थान सरकार के सम्पर्क पोर्टल-181 पर कर सकते है।
खाद्य व्यापारियों को इन नियमों का करना होगा सख्ती से पालन.....
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि एफएसएसएआई द्वारा जारी नियमावली अनुसार सभी खाद्य प्रतिष्ठानों के संचालकों द्वारा निम्नलिखित बिन्दुओं का सख्ती से अनुपालन आवश्यक है-
*खाद्य प्रतिष्ठान के मुख्य स्थल पर FSSAI लाइसेंस/ रेजिस्ट्रेशन चस्पा करना।
*खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य सुरक्षा प्रोटोकॉल बोर्ड लगाना अनवार्य है। जिसे वेबसाइट www.fssai.gov.in पर जाकर संबंधित खाद्य प्रतिष्ठानों का बोर्ड डिज़ाइन डाउनलोड किया जा सकता है।
*खाद्य एवं अखाद्य पदार्थो का अलग-अलग भंडारण।
*खाद्य साम्रगी FSSAI अनुज्ञप्तिधारी आपूर्ति कर्ता से ही प्राप्त करना तथा बेचान।
*बिना लेबल अथवा अज्ञात स्त्रोत से प्राप्त खाद्य सामग्री का विक्रय, परिवहन या भंडारण निषेध।
*हानिकारक औधौगिक रंगों का प्रयोग निषेध।
*कार्मिकों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता का ध्यान तथा वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण।
*अवधिपार/ सडे़-गले खाद्य पदार्थो का उपयोग निषिद्ध।
*प्रतिष्ठानों को चूहे/दीमक/मक्खी/मच्छर आदि मुक्त रखना।
*प्रतिष्ठान में धूम्रपान/तम्बाकू/मदिरा पान प्रतिबंध।
*संक्रामक बीमारी से ग्रस्त मरीजों का प्रवेश निषेध।
*बिना मास्क कार्य करना निषिद्ध।
*खाना तैयार करने से पहले तथा बाद मे हाथों को अच्छी तरह से साफ कराना।