दार्शनिकों के योगदान से ही बना भारत विश्व गुरु-डॉ कोठारी
बीकानेर में हुआ अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज।
विश्व के महान दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिकों पर हुआ अन्तरराष्ट्रीय मंथन।
देश-विदेश के 400 शिक्षाविद् हुए शामिल।
बीकानेर। भारत के विभिन्न दार्शनिक यथा भगवान श्रीकृष्ण,शंकराचार्य, महर्षि कपिल, गोतम पतंजलि , स्वामी विवेकानंद आदि के शिक्षा में योगदान से भारत विश्व गुरु बना l नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हमारे देश के महान दार्शनिकों द्वारा बनाए गए सिद्धांतों को शामिल करना हम सभी के लिए गर्व की बात है l आज हम इन्हीं प्रयासों से विश्व गुरु के रूप मे उभर कर आए है l यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल कोठारी ने कही l विश्व के महान दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रियों का शिक्षा में योगदान (राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विशेष संदर्भ में) विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज 18 दिसम्बर 2022 से बीकानेर के गजनेर रोड स्थित भवन में हुई l
कार्यक्रम के अन्तरराष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजेन्द्र कुमार श्रीमाली ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहारी लाल बिश्नोई विधायक नोखा ने कहा कि बीकानेर को छोटी काशी की संज्ञा दी जाती है यहां की संस्कृति और संस्कार ने विश्व स्तर पर अमिट छाप छोड़ी है यहां के दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रियों की भूमिका को अगर हम नई शिक्षा नीति 2020 में अंगीकृत कर सकतें हैं l विश्वस्तरीय संगोष्ठी में देश-विदेश से 400 शिक्षाविद् विश्व के महान् दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रियों का शिक्षा में योगदान पर अन्तरराष्ट्रीय मंथन तीन तकनीकी सत्र में किया गया l
इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र कुमार श्रीमाली द्वारा संपादित आई.एस.बी.एन. पुस्तक एवं आई.एस.एस.एन. जर्नल का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया जायेगा।
संगोष्ठी के संरक्षक डॉ. चन्द्रशेखर कच्छावा विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर ने बताया कि अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रजनी रमण झा का राम द्वारा सीता का निर्वसन विषय पर विशेष व्याख्यान दिया l
संयोजक डॉ. श्रीमाली ने बताया कि प्रथम तकनीकी सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफसर स्वेतलाना कोजिरोवा, विभागध्यक्ष, अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद्, कजाकिस्तान ने की उन्होंने भारत और कजाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डाला lकार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संदीप जोशी, सदस्य, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली ने की l
द्वितीय तकनीकी सत्र के मुख्य अतिथि भारतीय वैश्विक कार्य परिषद् के शोध सदस्य डॉ. पुनित गौड़ ने की मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के अध्ययन मंडल की सदस्य प्रोफेसर सुनीता भार्गव एवं प्रोफेसर यदू शर्मा ने की l
तृतीय तकनीकी सत्र के मुख्य अतिथि कैरात बतरबायेब, निदेशक, अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन परिषद् कजाकिस्तान ने की l कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर सुषमा सिंह शिक्षा अधिष्ठाता कोटा विश्वविद्यालय कोटा करेगी।
डॉ. श्रीमाली ने बताया कि तकनीकी सत्र में हरियाणा से डॉ. दिनेश चहल, हिमाचल से सत्यवीर यादव, इन्दौर से डॉ. सुनीता जोशी, उत्तरप्रदेश से डॉ. कृष्ण चन्द्र गौड़, गुजरात से डॉ. शैली बेठजा, पंजाब से डॉ. कशमीर सिंघ खुंडा, नई दिल्ली से डॉ. कुसुमलता कपुर, मध्यप्रदेश से प्रोफेसर भुवनचन्द्र महापात्र, महाराष्ट्र से सचिन मच्छिन्द्र भौंसले अपना व्याख्यान दिया सांयकालीन सत्र में राजस्थानी संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ l
संगोष्ठी के दूसरे दिन 19 दिसम्बर को प्रातःकालीन सत्र में देश-विदेश से आने वाले सभी 400 प्रतिभागियों को शिक्षाविद् पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। दोपहरकालीन सत्र पूर्व की भांति तीन तकनीकी सत्र में संपादित होगा तथा सांयकालीन सत्र में अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार का विसर्जन होगा। इस कार्यक्रम में हरियाणा से डॉ. ज्योति बठैजा, पंजाब से कंवरजीत कौर, उत्तरप्रदेश से डॉ. सुनीता गौड़, महाराष्ट्र से नयना मच्छिन्द्र औताड़े, झुंझुंनू से डॉ. राकेश कुमार बुड़ानिया, सीकर से डॉ. मनीषा वर्मा, हनुमानगढ़ से डॉ. शशि मरोलिया, श्रीगंगानगर से डॉ. राजपाल वर्मा, टोंक से डॉ. बी. एस. राणा तथा श्रीमती नीरू भारद्वाज पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं, राजस्थान सरकार, बीकानेर अपना पत्रवाचन करेंगे।
विदित है कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय श्री नेहरू शारदा पीठ पी.जी. कॉलेज, गुरूकुल बी. एल. मोहता लर्निंग इंस्टीट्यूट सींथल एवं शुभम् एज्यूकेशन एवं इनफोरमेशन सेन्टर बीकानेर अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार के सहयोगी है।
इस कार्यक्रम हेतु राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, बीकानेर पूर्व के विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, राष्ट्रीय प्रत्यायन मूल्यांकन परिषद् के निर्देशक प्रो. एस. सी. शर्मा, पं. दीनदयाल उपाध्याय, शेखावटी विश्वविद्यालय सीकर के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह बिजारणियां, मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर के प्रोफेसर जे. पी. यादव, राजस्थान कृषि विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी आदि ने शुभकामना संदेश भेजा है।